मस्तिष्क(brain) में रक्त की कमी, जिसे अक्सर सेरेब्रल हाइपोपरफ्यूजन या सेरेब्रल इस्केमिया के रूप में जाना जाता है, अगर इस बीमारी का इलाज न किया जाए तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। मस्तिष्क, शरीर का सबसे सबसे बुनियादी और आवश्यक अंग होने के नाते, इसमें निरंतर ऑक्सीजन और पोषक पर्याप्त आपूर्ति की आवश्यकता होती है, जो परिसंचरण तंत्र के माध्यम से मष्तिष्क तक पहुंचाई जाती है। जब यह आपूर्ति कम हो जाती है, तो विभिन्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं, जो यह संकेत देते हैं कि मस्तिष्क को ठीक से काम करने के लिए आवश्यक रक्त नहीं मिल रहा है। अगर मष्तिष्क तक पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंचेगा तो इसके परिणाम घातक हो सकते हैं ! लेकिन हम कैसे पहचाने की मस्तिष्क में खून का सप्लाई ठीक तरह से नहीं हो पा रहा है !
इस आर्टिकल में हम उन्ही 8 लक्षणों के बारे में चर्चा करेंगे जिन्हे दिमाक में खून की सप्लाई रुकने के संकेत के रूप में देखा जाता है! और यह भी जानेंगे की इस समस्या को कैसे दूर किया जा सकता है , तो आइये शुरू करते हैं !
कारण और खतरनाक तत्व
दिमाक(brain) में खून की कमी होने के पीछे अनेक कारण हो सकते हैं जैसे –
एथेरोस्क्लेरोसिस –
एथेरोस्क्लेरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें नलिकाओं की दीवारों के अंदर मैल, कोलेस्ट्रॉल और अन्य घटक जमा हो जाते हैं। इन जमावों को प्लाक कहा जाता है। कुछ समय बाद, यह प्लाक आपूर्ति मार्गों को जम जाता है, जिससे रक्त प्रवाह प्रभावित होता है। नसों के अंदर जमने वाला यह पदार्थ रक्त प्रवाह को धीमा या बंद कर सकता है, जिससे कोरोनरी बीमारी, ब्रेन (brain)स्ट्रोक या अन्य कठिन समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर – एक ऐसी स्थिति है जहाँ रक्त की दीवारों के खिलाफ़ रक्त की शक्ति हमेशा बहुत अधिक होती है। जिसे आमतौर पर उच्च रक्तचाप के रूप में जाना जाता है, ये उच्च रक्तचाप रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे मस्तिष्क(brain) में खून का प्रवाह कम हो सकता है।
हृदय रोग – दिल के रोगियों में ये समस्या अक्सर देखने को मिल सकती है ! इस रोग के कारण हृदय की रक्त को कुशलतापूर्वक पंप करने की क्षमता कम हो जाती है ऐसी स्तिथियाँ मस्तिष्क(brain) में रक्त प्रवाह को कम कर सकती हैं !
एनीमिया – एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (रेड ब्लड सेल्स) या हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। लाल प्लेटलेट्स की कम संख्या रक्त की ऑक्सीजन-संवहन क्षमता को कम कर सकती है। इस कारण मष्तिस्क(brain) तक ठीक से ब्लड सप्लाई नहीं हो पाता है, इससे थकान, कमजोरी, सांस लेने में कठिनाई, और चक्कर आना जैसे लक्षण हो सकते हैं।
निर्जलीकरण – शरीर में पानी कमी होने के कारण भी ब्लड सप्लाई में दिक्कत हो सकती है , पानी कम पीने के कारण निर्जलीकरण की समस्या हो जाती है इस कारण ब्लड दिमाक (brain)तक ठीक तरह से नहीं पहुंच पाता है !
दिमाग में खून की कमी के 8 संकेत
1. माइग्रेन या सिरदर्द
मस्तिष्क (brain)में रक्त की कमी के सबसे प्रसिद्ध संकेतों में से एक लगातार है माइग्रेन या सिर में दर्द होना । ये माइग्रेन तीव्रता और अवधि में भिन्न हो सकते हैं और अक्सर तेज़ धड़कन के साथ जुड़े होते हैं। अगर मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह ठीक तरह से नहीं होता है तो मस्तिष्क इस समस्या को ट्रिगर कर लेता है और सिर में लगातार दर्द होने लगता है , इस तरह माइग्रेन की समस्या उत्पन्न हो जाती है ! माइग्रेन के बहुत ही घातक परिणाम होते हैं और लम्बे समय तक दिखाई देते हैं !
2. चक्कर आना और हल्का सिरदर्द
चक्कर आना या चक्कर आने की अनुभूति एक और प्रमुख संकेत है। जब मस्तिष्क (brain) को पर्याप्त रक्त नहीं मिलता है, इस कारण मस्तिष्क को संतुलन और स्थानिक दिशा बनाए रखने में संघर्ष करना पड़ सकता है। इस दुष्प्रभाव के कारण घूमने या अस्थिरता की भावना पैदा हो सकती है, जिससे खड़े होना या चलना मुश्किल हो जाता है।
3. मानसिक कमज़ोरियाँ
मस्तिष्क (brain) में रक्त की कमी मानसिक समस्याओं को जन्म दे सकती है, उदाहरण के लिए, कुछ भी याद रखने में परेशानी होना , ध्यान को एक जगह केंद्रित करने में परेशानी होना और भ्रम की अनुभूति होना । चूँकि मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल रहे हैं, इसलिए डेटा को संभालने और मानसिक क्षमताओं को बनाए रखने की इसकी क्षमता कम हो सकती है। यह व्याकुलता, दुर्भाग्यपूर्ण नेविगेशन और सामान्य रूप से बुद्धिमत्ता में कमी के रूप में प्रकट हो सकता है। इससे मानसिक रोग होने की उम्मीद बड़ जाती है !
4. थकान और कमज़ोरी
लगातार थकावट और शारीरिक कमजोरी का अहसास भी मस्तिष्क (brain) में खून की सप्लाई में कमी को दर्शाता है ! मस्तिष्क ऊर्जा के स्तर और शारीरिक शक्ति को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका पूरी करता है। जब इसे पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं मिल पाता है, तो आप लगातार थका हुआ महसूस कर सकते हैं, यहाँ तक कि आराम करने के बाद भी, मांसपेशियों में कमजोरी का अनुभव होता है !
5. देखने में परेशानी
मस्तिष्क (brain) में रक्त प्रवाह में कमी ऑप्टिक तंत्रिकाओं और दृश्य प्रांतस्था को प्रभावित कर सकती है, इस कारण से दृष्टि संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इन समस्याओं में धुंधली दृष्टि, दोहरी दृष्टि, या एक आँख में अचानक से कम दिखाई देना ये सभी मस्तिष्क में रक्त की कमी के लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं किया जाता चाहिए इनका गंभीरता से इलाज किया जाना चाहिए क्योंकि ये ब्रेन में भयानक स्ट्रोक के संकेत हो सकते हैं। इसलिए समय रहते इनका इलाज जरूर करवा लें !
6. कंपकंपी और निर्जीवता
दिमाक (brain) में खून ठीक से न पहुंचने का एक और लक्षण है कंपकंपी या सुन्नपन की अनुभूति होना , ये समस्या तब हो सकती है , जब मस्तिष्क के किसी खास हिस्से में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। उस हिस्से तक रक्त ठीक से नहीं पहुंच पता है ! यह मस्तिष्क के शरीर में नसों के साथ संवाद करने के तरीके को प्रभावित कर सकता है, जिससे हाथों, पैरों या चेहरे में संवेदना की कमी या अजीबोगरीब संवेदनाएँ हो सकती हैं। नॉर्मली लोगों में ये समस्या देखी जाती है !
7. बात करने में परेशानी
बोलने में परेशानी या अस्पष्ट भाषण एक और चेतावनी संकेत है की दिमाक या मस्तिष्क (brain) में खून की कमी हो रही है ! रक्त की कमी मस्तिष्क के उस क्षेत्र को प्रभावित कर सकती है जो बोलने और संचार के लिए जिम्मेदार है। आपको शब्दों को समझाना मुश्किल लग सकता है, शब्दों को ठीक तरह से बोल पाना मुश्किल लग सकता है या आपका भाषण धीमा और धुंधला हो सकता है।
8. भावनात्मक परिवर्तन
मन और व्यवहार में परिवर्तन, जैसे कि अचानक चिड़चिड़ापन, उदासी या बेचैनी, कभी कभी घबराहट होना , ये सभी मस्तिष्क में रक्त प्रवाह की कमी से भी जुड़े हो सकते हैं। मस्तिष्क (brain) का कृत्रिम संतुलन इसकी रक्त आपूर्ति से बहुत जुड़ा हुआ है, और इस संतुलन में गड़बड़ी गंभीर कमजोरी का कारण बन सकती है। इसलिए मस्तिष्क का प्रॉपर तरीके से काम करने के लिए उस तक ब्लड का ठीक से पहुंचना बहुत बहुत आवश्यक है !
अगर किसी भी व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई देते हैं तो सतर्क रहने की जरुरत है और इस समस्या का गंभीर होने से पहले इलाज करने की जरुरत है !
रोकथाम और उपचार
स्वस्थ आहार बनाए रखना – जैविक उत्पादों, हरी सब्जियों, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर आहार का सेवन करने से हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सकता है। जिससे ब्लड प्रॉपर रूप से मस्तिष्क (brain) तक पहुंच पायेगा !
नियमित व्यायाम – रेगुलर एक्सरसाइज , योग एक्सरसाइज , या किसी भी प्रकार की एक्सरसाइज करने पर इस समस्या से निपटा जा सकता है , बस जरुरत है आपको निरंता के साथ हर रोज व्यायाम करने की ! दिमाक में ब्लड के सप्लाई को बढ़ाने का ये एक अच्छा उपाय हो सकता है !
लगातार स्थितियों की देखरेख करना – उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कोरोनरी बीमारी जैसी स्थितियों की उचित देखरेख करने से मस्तिष्क(brain) रक्त प्रवाह संबंधी समस्याओं का जोखिम कम हो सकता है। अगर इनमे से किसी भी प्रकार की समस्या है तो जल्द से जल्द इसका समाधान निकाला जाये जिससे की मस्तिष्क में खून की सप्लाई अच्छे से हो सके !
हाइड्रेटेड रहना – रक्त की मात्रा को बनाए रखने के लिए पर्याप्त पानी पीना आवश्यक है। अगर रक्त को शरीर के हर एक हिस्से तक अच्छे से पहुंचना है तो दिन में काम से काम 4 लीटर पानी पीने का प्रयास जरूर करना चाहिए !
यदि आप ऊपर बताए गए किसी भी प्रकार के संकेत या दुष्प्रभाव का अनुभव करते हैं, तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेना आवश्यक है। प्रारंभिक निदान और उपचार गंभीर उलझनों को रोक सकता है और परिणामों को और बेहतर बना सकता है।
मस्तिष्क(brain) में रक्त की कमी एक कठिन स्थिति है जिस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। दुष्प्रभावों को समझकर और निवारक उपायों को अपनाकर, आप अपने जोखिम को कम कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके मस्तिष्क को वह रक्त आपूर्ति मिले जो उसे आदर्श रूप से काम करने के लिए आवश्यक है।
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